
Makar Sankranti Special: मकर सक्रांति को भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल, बंगलादेश और भूटान जैसे देशों में भी खूब हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन दान दिए जाने की भी परंपरा होती है। इस दिए गए दान को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। इसके साथ है इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा भी चली आ रही है। आज हम आप लोगों को मकर सक्रांति वाले दिन होने वाली विचित्र घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका उल्लेख भारतीय संस्कृति में मिलता है तो आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
मकर सक्रांति वाले दिन पतंग उड़ाने की परंपरा त्रेता युग से श्री राम जी के समय से चलती आ रही है। श्री राम जी ने उस समय बाल्यावस्था में भगवान हनुमान जी और अपने भाइयों के साथ पतंग उड़ाई थी। जिसकी परंपरा आज भी निभाई जा रही है. इसके साथ ही इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए स्वयं उनके घर गए थे। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि सनी देव भगवान मकर राशि के स्वामी हैं। जिसकी वजह से इस दिन को मकर सक्रांति के नाम से भी जाना जाता है।
वही भीष्म पितामह ने भी अपना शरीर त्यागने के लिए मकर सक्रांति के दिन को ही चुना था। मकर सक्रांति के दिन है गंगा जी भगीरथ के पीछे चलते चलते कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा कर मिली थी। भारत के धार्मिक ग्रंथों में इनका उल्लेख पूर्ण रूप से किया गया है। इसके साथ ही आप सभी पाठको को भी हमारी और से हार्दिक शुभकामनाये।
13 जनवरी को मनाई जाएगी लोहड़ी, जाने इस त्योहार की खास परंपरा
Lohri 2021: जानिए लोहड़ी के त्योहार के बाद रातें क्यों हो जाती है छोटी